अभी शादी का पहला ही साल था,
ख़ुशी के मारे बुरा हाल था!
खुशियाँ कुछ यूँ उमड़ रही थीं,
की संभाले नहीं संभल रही थी!!सुबह सुबह मेडम का चाय लेकर आना,
थोडा शर्माते हुए हम नींद से जगाना,
वो प्यार भरा हाथ हमारे बालों में फिराना,
मुस्कुराते हुए कहना की डार्लिंग चाय तो पी लो,
जल्दी से रेडी हो जाओ आपको ऑफिस भी जाना है!!
घरवाली भगवान् का रूप लेकर आयी थी,
दिल और दिमाग दोनों पर छाई थी
सांस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था,
एक पल भी जीना दूर दुस्वार होता था!!
५ साल बाद………..
सुबह सुबह मेडम का चाय लेकर आना
टेबल पर रख कर जोर से चिल्लाना,
आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को श्कूल छोड़ते हुए जाना……………
एक बार फिर वोही आवाज आयी,
क्या बात है अभी तक छोड़ी नहीं चारपाई,
अगर मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना!!
मुन्ना की टीचर्स को फिर खुद ही संभाल लेना!!
न जाने घरवाली कैसा रूप लेकर आयी थी,
दिल और दिमाग पर काली घटा चाई थी!!
साँस भी लेते तो उन्ही का ख्याल होता,
हर समय जेहान में एक ही सवाल होता!!
क्या कभी वो दिन लौटकर आएगा,
क्या हम एक बार फिर कुवारे बन पाएंगे!
Na jane wo hamse kya chupati thi,
kuch tha uske hoton par,
magar na jane kyu sharmati thi,
ek roz wo hansi to pata chala,
wo GUTKHA khati thi…
Dil use do jo jaan de de, jaan use do jo dil de de
Jo sochate rahoge to kuch na milega
Jo chupake rahoge to kaam na banega
Jo dil mein jaloge to aramaan rahega
Jo badhate chaloge to raasta milegaa.
Kab tak khud ko rok paoge,
Bina mere aap na rah paoge,
Hum bas jayenge dil me apke is tarah se,
ki fir aap dusro ko yaad karna bhul jaoge.
Friendship is like the needles of the clock,
Though we are in the same clock,
we are not able to meet,even if we meets,
Its only a few seconds but most important,
Is we always stays connected.